मुद्रा द्वारा स्वास्थ्य लाभ --- ज्ञान मुद्रा
आज हम मुद्रा के बारे में बात करेंगे। मुद्रा हाथ की अँगुलियों को अंगूठे के साथ बिशेष प्रकार से मिलाने से बनती हैं। मुद्रा योगिक विधि है और बहुत ही सरल है। मुद्राओं से हम आसानी से सामान्य व गंभीर बिमारिओं से छुटकारा पा सकते हैँ।
विशेष :-
हाथ में एक अंगूठा और 4 अन्य उंगलिआं होती हैँ।
1. अंगूठे के साथ वाली उंगली को तर्जनी कहते हैँ।
2. तर्जनी के साथ वाली उंगली को मध्यमा कहते हैँ।
3. मध्यमा के साथ वाली उंगली को अनामिका कहते हैँ।
4. अनामिका के साथ वाली उंगली को कनिष्ठिका कहते हैँ।
ज्ञान मुद्रा
इस मुद्रा में अंगूठे के साथ तर्जनी को स्पर्श किया जाता है। (देखिये चित्र )
1. ज्ञान मुद्रा से स्नायुमण्डल के रोग दूर होते हैँ।
2. मस्तिष्क का विकास होता है।
3. मस्तिष्क तेज़ होता है।
4. स्मरण शक्ति बढ़ती है।
5. ज्ञान तंतुओं का विकास होता है।
6. क्रोध पर काबू पाने में यह मुद्रा लाभकारी हैं।
7. इस मुद्रा के करने से आलस्य समाप्त होता हैं।
8. घबराहट, बैचैनी और डिप्रेशन मैं अति लाभकारी है।
9. इस मुद्रा से टेंशन ख़त्म की जा सकती हैं।
Be Healthy with Simple Fingers Postures
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अरुणा योगमयी (M.D. Acu)
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