Thursday 12 February 2015

स्वस्थ जीवन जीने की राह

यदि हम कुछ साल पीछे जाएं तो हम पाएंगे कि आज की बजाए हम अधिक स्वस्थ थे। उम्र लम्बी हुआ करती थी।  बाल 60 - 70 वर्ष की आयु में सफेद हुआ करते थे।  दाँत 70 की आयु तक हमारा साथ दिया करते थे।  शुगर,  बी पी. और  हार्ट आदि की बीमारी नहीं हुआ करती थी।

वही देश वही ऋतुएं वही स्थान फिर भी सब कुछ बदल सा गया है। सब कुछ उलट हो गया है। क्या कारण है? कुछ समय पहले तक हमारे घरों में एक या दो डॉक्टर हुआ करते थे, हमारी नानी दादी व अन्य बुजुर्गों के रूप में।

हमारे बीमार होने पर हमारे आस पास की जड़ी बूटिओं या हमारी रसोई घर में पड़ी चीजों से ही हमारा इलाज कर दिया करते थे।  लेकिन आज हम अपने बड़े बुजुर्गों की तो सुनते नहीं और बाहर के डॉक्टरों को ढूंढते हैं। आज भी कई उदाहरण ऐसे मिल जायेंगे जब हम डॉक्टरों की दवाइयाँ खा खा कर परेशान हो जाते हैं और हमें आराम नहीं मिलता।  थक हार कर हम किसी बुजुर्ग की सलाह लेते हैं और उनका बताया हुआ नुस्खा हमारी परेशानी को सदा के लिए दूर कर देता है।

हम जब कोई वाशिंग मशीन या कंप्यूटर आदि खरीदते हैं तो हमें एक साल की वारंटी मिलती है और इस दौरान मशीन के ख़राब हो जाने की स्थिति में कंपनी की इंजीनियर आ कर ठीक कर जाता है।  परन्तु हमारे इस शरीर का इंजीनियर तो उस दयालु कृपालु प्रभु ने हमारे अन्दर ही बैठा है। जरुरत है केवल उससे संवाद करने की। उस इंजीनियर को समझने की।  उसे समझने के बाद हम स्वयं ही अपने शरीर को पूर्ण स्वस्थ रखने में सक्षम हो जायेंगे।

हम अपनी गलत आदतों  की वजह से शरीर को रोगी बना देते हैं। गलत आहार, गलत व्यवहार , गलत विचार दुर्भावना  इत्यादि से मन दूषित हो जाता है।

इंग्लिश में एक  शब्द आता है डिजीज disease. Ease का अर्थ है आराम से यानि नार्मल।  dis ease का अर्थ हुआ जो नार्मल या सामान्य नहीं। यही बीमारी या disease की परिभाषा है।  

एक्यूप्रेशर द्वारा हमारे शरीर का प्रकृति के साथ संवाद होता है।  हमारे मन और आत्मा के साथ सीधा संवाद होता है।  हर बीमारी का इलाज हमारे शरीर के अंदर ही है।  और हर व्यक्ति उसे कर सकता है।


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अरुणा योगमयी  (M.D.  Acu)
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