Saturday 14 February 2015

नारी सशक्तिकरण -- राष्ट्र सशक्तिकरण

हेल्थी इंडिया मूवमेंट का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है नारी को सशक्त करना , सबल बनाना , शिक्षित करना। 




Educate a Woman  --  Educate a Generation

किसी भी परिवार में सुख समृद्धि नहीं आ सकती जब तक नारी को सशक्त न किया जाये।  किसी भी समाज या किसी भी राष्ट्र के समुचित विकास के लिए यह जरुरी है कि कन्याओं व प्रत्येक नारी को यह सिखाया जाये कि व  किस प्रकार अपने हार्मोन्स को संतुलित रख सकती है।  एक्यूप्रेशर पद्दति  को सीख कर  स्वयं को और अपने परिवार को स्वस्थ रख सकती है। 

कल्पना करके देखिये जिस परिवार  माँ नहीं, बहन नहीं , बेटी नहीं, बहु नहीं ! आप शाम को अपने काम से घर वापिस आते हैं, घर में कोई पानी देने वाली नहीं, घर को सँवारने, सजाने, सँभालने वाली कोई नहीं, यह सोच कर भी डर  लगता है।  क्योंकि जहाँ नारी नहीं वो घर श्मशान के समान  है।  हमारे शास्त्र भी कहते है जिस घर में नारी की पूजा होती है वहीँ देवता निवास करते हैं।  हर क्षेत्र मैं नारी बढ़ चढ़ कर भाग ले रही है, सहयोग दे रही है।  परिवार को सँभालने की जिम्मेदारी से लेकर राष्ट्रपति पद तक, केंद्रीय मंत्री, मुख्य  मंत्री, पुलिस अधिकारी, सेना अधिकारी, पायलट, खेल जगत, साहित्य की दुनिया हो या फ़िल्मी दुनिया, नारी ने अपना फ़र्ज़ बखूबी निभाया है।

नारी घर की गृहमंत्री है, वित्तमंत्री है।  कभी माँ  बन कर ममता लुटाती  है, कभी मित्र या सखी बनकर गलत रास्ते पर जाने से रोकती है, कभी पत्नी बनकर  अपने फ़र्ज़ निभाती है, कभी बहन बन कर भाई के सुख की कामना करती है, तो कभी बहु बन कर सेवा करती है।  कितने रूप हैं नारी के।  परिवार के सभी सदस्यों का ख्याल रखती है।  उनकी संभाल  करती है, उनके प्रति अपनी हर जिम्मेदारी को निभाती है।  और अगर इन में से किसी भी एक रूप में नारी प्रत्येक घर में एक्यूप्रेशर चिकित्सक हो तो क्या परिवार  के किसी भी सदस्य के तनाव को दूर करने के लिए, सर दर्द, पेट दर्द, टांग दर्द, बी पी, एसिडिटी, उलटी, घबराहट आदि परेशानियों  को दूर करने के लिए हमें बाहर डॉक्टर ढूंढने की जरूरत पढ़ेगी? नहीं कभी नहीं! हमारा डॉक्टर तो हमारे घर में  ही है।  और तो और शुगर लेवल कंट्रोल में  रखना, हार्ट को व्यवस्थित रखना, थाइरोइड  जैसी अनेक बिमारियों में भी हमें घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पढ़ेगी !

यदि एक कन्या शिक्षित होती है तो वह दो परिवारों को स्वस्थ रख सकती है। आगे चलकर वह एक समझदार पत्नी, और एक सुयोग्य माता बन सकती है। इस शिक्षा प्रणाली द्वारा उसके शारीरिक विकास के साथ साथ मानसिक विकास भी अच्छा होगा।  साथ ही वह अपने जीवन की किसी भी समस्या का सामना करने के लिए सक्षम होगी।   प्रत्येक कन्या को यह सीखना है कि  किस प्रकार वह अपने व  अपने परिवार के सदस्यों के हार्मोन्स को सन्तुलिक रख सकती है।  विवाह के उपरांत अपने जन्म लेने वाले बच्चे को अस्वस्थ होने से रोक सकती है। अपने बच्चे को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसेमिया जैसे अनेक रागों से बचा सकती हैं।

इसी प्रकार 8  से 10 वर्ष तक  के लड़कों को भी ये पद्दति सीखना इस संस्था (स्वस्थ भारत अभियान) का  उद्देश्य है ताकि शारीरिक व  मानसिक विकास सही ढंग से हो सके।  बड़ा होने पर वे हस्तदोष, वीर्यविकार,स्वप्नदोष, और उसके कारण पैदा हुई मानसिक दुर्बलताओं, विकृतियों जैसी यौन समस्याओं से बच सकें।

हम सभी युवक एवं युवतिओं का आह्वान करते हैं -- आप आएं इस Healthy India Movement (स्वस्थ भारत अभियान) से जुड़ जाएँ।  हमारे इस ब्लॉग को पढ़ें, लाइक  करें, कमेंट करें, अपने सुझाव दें, और इस अभियान को एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाने में हमारा साथ दें।


अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
अरुणा योगमयी  (M.D.  Acu)
Email:  healthyindia.yeswecan@gmail.com
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